गुरुवार 3 जुलाई 2025 - 16:53
इजरायल ने यमन को फिर से निशाना बनाने की कोशिश की तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

हौज़ा / अंसारुल्लाह के राजनीतिक कार्यालय के सदस्य अली अलदैलमी ने कहा कि नेतन्याहू अगर उसने यमन पर हमला करने की हिम्मत की, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। यमन कोई कमजोर भूमि नहीं है जिसे गुप्त ऑपरेशन या सैन्य चालों से कब्जाया जा सके।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , अंसारुल्लाह के राजनीतिक कार्यालय के सदस्य अली अलदैलमी ने कहा कि नेतन्याहू अगर उसने यमन पर हमला करने की हिम्मत की, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। यमन कोई कमजोर भूमि नहीं है जिसे गुप्त ऑपरेशन या सैन्य चालों से कब्जाया जा सके। 

उन्होंने कहा,युद्ध अपराधी नेतन्याहू द्वारा यमन के खिलाफ दी गई हालिया धमकियाँ निराधार और बेबुनियाद मीडिया बयान हैं, जो साबित करते हैं कि कब्जाधारी सियोनी दुश्मन यमन की क्षेत्र में बढ़ती प्रभावी उपस्थिति से बेहद डरा हुआ और घबराया हुआ है, खासकर जब बात गाजा में फिलिस्तीनी प्रतिरोध का समर्थन करने की हो।

अली अलदैलमी ने आगे कहा,सियोनियों को अच्छी तरह पता है कि यमन पर किसी भी तरह की साहसिक कार्रवाई का परिणाम बेहद खतरनाक होगा और इसकी कीमत इतनी अधिक होगी कि इसे दशकों तक याद रखा जाएगा, ठीक वैसे ही जैसे अमेरिका को यमनी हमलों के बाद लाल सागर और अरब सागर से पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा।

उन्होंने जोर देकर कहा,नेतन्याहू अगर उसने यमन पर हमला करने की हिम्मत की, तो इसका परिणाम बेहद गंभीर होगा। यमन कोई कमजोर भूमि नहीं है जिसे गुप्त ऑपरेशन या सैन्य चालों से कब्जाया जा सके।

यहाँ की सुरक्षा एजेंसियाँ पूरी तरह सतर्क हैं, और जनता व राजनीतिक नेतृत्व का प्रतिरोध के पक्ष में अटूट एकजुटता कब्जाधारी दुश्मन की हर साजिश को विफल कर देगी।

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